गुरुवार, 25 जनवरी 2018
गुरुवार, 18 जनवरी 2018
GD GYAN DARSHAN AND SERVICES: Jharkhand Police recruitment 2018| Upcoming 8000 S...
GD GYAN DARSHAN AND SERVICES: Jharkhand Police recruitment 2018| Upcoming 8000 S...: Jharkhand Police recruitment 2018| Upcoming 8000 SI & Constable Jobs at www.jhpolice.gov.in
रविवार, 14 जनवरी 2018
GD GYAN DARSHAN AND SERVICES: टुसू पर्व -- टुसू मनी की याद में
GD GYAN DARSHAN AND SERVICES: टुसू पर्व -- टुसू मनी की याद में: झारखण्ड तथा ओडिशा एवंग बिहार के लोग सबसे बड़ा टुसू मेला सटी घाट में लोखों लोग जुटते हैं | ...
टुसू पर्व -- टुसू मनी की याद में
झारखण्ड तथा ओडिशा एवंग बिहार के लोग सबसे बड़ा टुसू मेला सटी घाट में लोखों लोग जुटते हैं | 277 साल पहले से लग रहा है सटी घाट पर टुसू मेला प्राचीन इतिहास से पता चलता है की एक समय कुर्मी समुदाय के एक बच्चा सिंह यानि शेर का दूध पीके बड़ा हुआ था वह बड़ी शक्तिशाली और प्रतापी तथा प्रभाब्शाली था इसीलिए उनको ही मुखिया तथा राजा मान लिया | उन्हीके वंश से सटी घाट से 60 ाकिलोमीटर दूर राजकोट काशीपुर महाराजा उदय प्रताप सिंह की इकलोती बेटी टुसू मणि थी | झारखण्ड राज्य रांची जिला सिल्ली प्रखंड के बरेंदा गाँव में स्वर्णरेखा नदी के उसपार हेन्सला राजा थे , जो काशीपुर महाराज के अधीन थे |काशीपुर के महाराजा मालगुजारी और राज पात देखने आते थे तो हेन्सला राजा के यहाँ रुकते थे | उस्दौरान टुसू बारेंदा में स्वर्णरेखा नदी घाट आया करती थी | उस समय शुजाउद्दीन महम्मद खान (1727-1739) बंगाल के नवाब थे | टुसू की सुन्दरता और गुणों का बाखाननवाब तक जा पंहुचा था |नवाब के सैनिक टुसू मणि के इच्छा के बिरुद्ध उन्हें लेजाना चाहते थे |नवाब का बढता दबाव देख कर टुसू को हेन्सला भेज दिया गया , लेकिन सैनिक उन्हा भी पंहुच गए | एक दिन टुसू का सामना नवाब के सैनिक के साथ हो गया | उन्होंने सैनिक के साथ डट कर सामना किया , लेकिन पराजय तय देख कर तुसुमनिने नारी जाति का इज्जत , मान-मर्यादा और सातित्य बाचने के लिए बारेंदा इस्थित स्वर्णरेखा नदी घाट पर जलसमाधि तथा अपना जीवन विसर्जन देदी | उसी जगह को ही सटी घाट कहा जाता है | महाराजा को जब टुसू मणि की मत का पता चला तो वे विचलित हो गए | उनकी मानसिक दशा को देखते हुए राज की मंत्रिमंडल ने टुसू की प्रतिमा बनवाई | और उसे चौडल यानि पालकी पर बैठा कर राजदरबार लाया |उसे देख कर महाराजा की मनो दशा ठीक हो गयी | बाद में प्रतिमा व चौडल का जंहा उन्होंने देह त्याग दी थी उसी स्थान पर बिसर्जन कर दिया गया | अघन सांकराइत 14-15 दिसम्बर के दिन टुसू मणि के प्रतिमा को राजदरबार में ला गया था और पुष सांकराइत (मकर संक्रांति ) को बिसर्जित किया गया था | तब से टुसू मणि के बिसर्जन को पर्व तथा उत्सव के रूप में नारी जाति का इज्जत तथा आत्ममान-मर्यादा बचाए रखने की प्रतिक के रूप में मनाया जाता है | देवी माँ दुर्गा का भी ऐसा ही बिरांगना की काहानी है , इसीलिए तो दुर्गा पूजा एक उत्सव का रूप में माया जाता है |
शुक्रवार, 12 जनवरी 2018
GD GYAN DARSHAN AND SERVICES: रिसर्च – ब्राह्मणों के 99 प्रतिशत डीएनए यहूदियों स...
GD GYAN DARSHAN AND SERVICES: रिसर्च – ब्राह्मणों के 99 प्रतिशत डीएनए यहूदियों स...: रिसर्च – ब्राह्मणों के 99 प्रतिशत डीएनए यहूदियों से मिलते है : यूरोपियन लोगो को हजारो सालो से भारत के लोगो में बहोत जादा interest है. क्यूँ...
रिसर्च – ब्राह्मणों के 99 प्रतिशत डीएनए यहूदियों से मिलते है
रिसर्च – ब्राह्मणों के 99 प्रतिशत डीएनए यहूदियों से मिलते है: यूरोपियन लोगो को हजारो सालो से भारत के लोगो में बहोत जादा interest है. क्यूँ की यहाँ व्यवस्था है -,धर्मव्यवस्था है, वर्णव्यवस्था है, जातिव्यवस्था है , अस्पृश्यता है, रीती रिवाज है, जिसने हजारो सालो से विदेशियों की जिज्ञासा को जगाया.की ये जो खास विशेषता है भारत के लोगो की जिसका मिलन कहीं दुनिया में नहीं …
शनिवार, 6 जनवरी 2018
गुरुवार, 4 जनवरी 2018
मंगलवार, 2 जनवरी 2018
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